सिवनी मालवा.
होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा में एसडीओपी शंकर लाल सोनया को 20 हजार की रिश्वत के साथ सागर लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ गिरफतर किया है. एसडीओपी के पद सिवनी मालवा में पदस्थ सोनया स्वंय लोकायुक्त में डीएसपी रह चुके है. बता दें कि सिवनी मालवा में एक सटटा खाईबाज दीपक धान्यासे द्वारा पूर्व में सटटा खिलाया जाता था, जिस पर अड़ीबाजी करते हुए एसडीओपी सोनया द्वारा प्रतिमाह 10 हजार की मांग की जा रही थी, बतौर शिकायतकर्ता दीपक के उसके द्वारा सटटे का काम बंद कर दिया गया था, जिस के बाद भी एसडीओपी का कहना था कि सटटा चालू करो और प्रतिमाह 10 हजार रूपये भेजो, शिकायत कर्ता का कहना है कि साहब के द्वारा जबरन घर में पुलिस भेज कर परेशान किया जा रहा था, जिस पर तीन महीने के 30 हजार की मांग की जा रही थी. एसडीओपी को फंसाने के लिए दीपक तैयार हुआ और 20 हजार देने को तैयार होकर एसडीओपी की शिकायत लोकायुक्त में कर दी. जिस पर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा सागर की टीम को तैयार कर सिवनी मालवा कार्रवाई के लिए भेजा. बता दें कि सुबह हुई कार्रवाई में घर पर 20 हजार की रकम लेने वाले सोनया को लोकायुक्त टीम ने पकड कर हाथ धुलवाए तो उनके हाथ लाल हो गये. जिसके बाद एसडीओपी

की तबियत अचानक बिगड जाने के बाद उन्हे सिवनी मालवा के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए स्वंय लोकायुक्त टीम लेकर गई, जहां उनका उपचार किया गया. बता दे कि सोनया होशंगाबाद जिले के सोहागपुर में टी आई सहित हरदा जिले के छीपानेर सहित अन्य थानो में टी आई रह चुके है साथ ही प्रमोशन होने के बाद उनकी पोस्टिग लोकायुक्त डीएसपी के पद की गई थी, स्वयं सोनया ने कई लोगो पर लोकायुक्त की कार्रवाई की है, लेकिन अब स्वंय लोकायुक्त के हत्थे चढने के बाद प्रदेश्ा भर में चर्चा का विषय बन गया है. उधर 20 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफतार एसडीओपी सोनाया को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उनकी जमानत खारिज कर दी गई है.
मूलत रायसेन जिले के अबदुल्ला गंज के तामोट गांव के निवासी एस एल सोनया की शिकायत में दीपक धन्यासे ने कहा कि सटटा खिलाने को लेकर एसडीओपी द्वारा कहा जा रहा था कि सटटा शुरू कर दो, पुलिस कोई कार्रवाई नही करेगी. बता दें कि पूर्व में भी सिवनी मालवा थाना पुलिस ऐसे कई कारनामो को लेकर चर्चा में रह चुकी है.