पाकिस्तान के बदमाशों को रिश्तेदार, दोस्तों के अकाउंट उपलब्ध कराते थे आरोपी, 40 से ज्यादा खाते पता चले

इंदौर . पाकिस्तान में बैठकर भारतीय लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के छह बदमाशों से एसटीएफ को 40 से ज्यादा बैंक खातों और 30 से अधिक डेबिट कॉर्ड का पता चला है। इनमें ज्यादातर खाते इंदौर के ही हैं।
इन्ही खातों के जरिए पाकिस्तानी बदमाश ठगी के पैसों को इधर से उधर भेजते थे। इसके बदले वह खाता उपलब्ध कराने वाले गिरोह के सरगना पुष्पेंद्रसिंह को हर राशि के ट्रांसफर में सात फीसदी कमीशन देते थे।

वहीं सरगना अपने गिरोह के सदस्यों को तीन से पांच प्रतिशत का कमीशन देता। ये सदस्य अपने रिश्तेदार, दोस्तों के खाते किराए पर लेकर सरगना को उपलब्ध कराते थे। पुष्पेंद्र कमीशन का पैसा अपने खाते में मंगवाता था। आरोपी ने कई बैंक खातों में उनके डेबिट कार्ड के माध्यम से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर भी बदल दिया था। इससे उस खाते के हर ट्रांजेक्शन पर उसकी निगाह रहती थी।

इन्हीं खातों के जरिए ई-वॉलेट्स और ऑनलाइन करोड़ों का ट्रांजेक्शन होता था। इरफान, परवेज और अरशद ये पाकिस्तान के नागरिक हैं जो पुष्पेंद्र के संपर्क में हैं।

8 साल से उपलब्ध करा रहे थे खाते : एसटीएफ एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से बैंक खाता प्रोवाइड करने वाले पांच आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है। पुष्पेंद्रसिंह उर्फ छोटू निवासी सतना कल्प कामधेनू नगर का पांच दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है।

पुष्पेंद्र ने पूछताछ में बताया कि वह बीते आठ सालों से यह काम कर रहा है। अपने रिश्तेदारों, परिचितों, दोस्तों के कई बैंक खातों को इस धोखाधड़ी में उपयोग किया है। साथ ही कुछ नए बैंक खातों के लिए वह अपने दोस्तों को तीन से पांच प्रतिशत कमीशन का लालच देकर उपयोग किया।

सागर के कॉल सेंटर में काम करने वाली एक आरोपी की प्रेमिका भी शक के घेरे में : सिंह ने बताया कि आरोपी मनीष भालसे की प्रेमिका सागर के एक कॉल सेंटर में काम करती है। हमें शंका है कि यह कॉल सेंटर के माध्यम से पाकिस्तान में बातचीत करते थे। इसके अकाउंट में रोजाना एक से दो लाख रुपए ट्रांजेक्शन होता था।

एक दिन साढ़े तीन लाख का ट्रांजेक्शन भी हुआ था। अभी तक एसबीआई (13), ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (2), आईसीआईसीआई (4), कॉरपोरेट (1), पंजाब नेशनल बैंक (3), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (1), एक्सिस बैंक (3), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (1), कोटेक महिंद्रा (3), एचडीएफसी (1), यूसीओ (2), विजया(1), सीबीआई (2), केनरा (2) व सिंडिकेट बैंक (1) के खातों का उपयोग पाया गया।

सरगना के दो बैंक खातों में एक साल में हुआ दो करोड़ का ट्रांजेक्शन : आरोपी पुष्पेंद्र खुद के बैंक खातों का उपयोग पाकिस्तानी हैंडलर द्वारा दिए गए बैंक खातों में राशि ट्रांसफर करने के लिए करता था। इसके कैनरा बैंक के खाते में पिछले एक साल में 1 करोड़ 43 लाख 76 हजार रुपए और कोटक महिंद्रा बैंक के खाते में चार माह में लगभग 50 लाख का ट्रांजेक्शन होना पाया गया।

इन दोनों बैंक खातों के अलावा आरोपी ने उसके साथी सुजीत सिंह का बैंक खाता भी पाकिस्तानी हैंडलर के बैंक खातों में राशि भेजने के लिए किया जाता था। अन्य दो साथी की तलाश के लिए एसटीएफ टीमें रवाना की गई हैं। पुष्पेंद्र के इंदौर में और कितने साथी थे इसकी भी जानकारी निकाली जा रही हैं।

Comments are closed.