भोपाल. कांग्रेस विधायक दल के नेता कमलनाथ ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया है। उनके साथ प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा और अरुण यादव भी साथ में रहे। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया कमलनाथ के साथ इस मौके पर मौजूद नहीं रहे।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कांग्रेस विधायक दल के नेता कमलनाथ को संविधान के अनुच्छेद 164 के अंतर्गत मुख्यमंत्री नियुक्त कर मंत्रिमंडल के गठन के लिए आमंत्रित किया है। इस बीच चुनाव आयोग ने राज्यपाल को 230 नवनिर्वाचित विधायकों की सूची सौंपी। इसके बाद राज्यपाल ने 15वीं विधानसभा के गठन की अधिसूचना जारी कर दी।
शुक्रवार को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच कमलनाथ राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया और उन्हें विधायकों की सूची भी सौंपी। कमलनाथ और मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह 17 दिसंबर को लाल परेड ग्राउंड में 1.30 बजे लेंगे।हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि उनके साथ कितने मंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई बड़े नेता शामिल होंगे।
राज्यपाल से मिलकर बाहर आए कमलनाथ ने कहा कि मैंने राज्यपाल से मिलकर उन्हें विधायक दल की सूची सौंपी है और शपथ ग्रहण समारोह की सूचना भी उन्हें दे दी गई है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि 17 दिसंबर को 1.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा। हमने सबसे पहला न्योता कार्यकर्ताओं को दिया गया है। जिनके संघर्ष से कांग्रेस की सरकार बन रही है। साथ ही हमारे नेता राहुल गांधी भी समारोह में आएंगे।
पांच बार आगे बढ़ानी पड़ी विधायक दल की बैठक : दिल्ली में अनिर्णय की स्थिति के चलते विधायक दल की बैठक का समय पांच बार आगे बढ़ाना पड़ा। इस बीच रात 11 बजे साफ हो गया कि कमलनाथ ही एमपी के नए मुख्यमंत्री होंगे। नाम का ऐलान होने के बाद कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का उनके समर्थन के लिए धन्यवाद अदा करते हुए कहा कि यह पद उनके लिए मील के पत्थर के समान है। उन्होंने कहा कि, वे मध्यप्रदेश के मतदाताओं के आभारी हैं। कांग्रेस वचनपत्र में किए गए अपने सभी वादे पूरा करेगी।
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