देशभर से आए किसान संसद भवन के सामने धरना देने पहुंचे, विशेष सत्र बुलाने की मांग

नई दिल्ली. लेफ्ट की अगुआई में दिल्ली में जुटे किसानों ने शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद तक मार्च निकाला। वे यहां कर्जमाफी, फसलों के दाम में वृद्धि की मांग को लेकर धरना देने पहुंचे। धरने में कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं के भी शामिल होने की उम्मीद है। देशभर के किसान गुरुवार से रामलीला मैदान में प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने केंद्र सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया। खेती के संकट पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की।

किसानों ने गुरुवार को रामलीला मैदान तक करीब 26 किलोमीटर का मार्च निकाला। इसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक आदि राज्यों के करीब 5 हजार किसानों ने हिस्सा लिया। किसानों के इस प्रदर्शन में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव और मेघा पाटकर भी शामिल हुईं।

प्रदर्शन में 200 से ज्यादा संगठन शामिल

ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने बताया कि इन शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में देश के 207 छोटे-बड़े किसान संगठन शामिल हैं। यह भारत के इतिहास में पहला मौका होगा, जब 200 से ज्यादा किसान संगठन एक बैनर के तले विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

3500 पुलिस कर्मी तैनात
किसानों के मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं। कॉन्स्टेबल से लेकर सब इंस्पेक्टर रैंक के कुल 3500 पुलिसकर्मियों, बाहरी फोर्स की 21 कंपनी जिनमें 2 महिला कंपनी शामिल, इंस्पेक्टर से लेकर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रैंक के कुल 166 अफसरों को इस स्पेशल अरेंजमेंट ड्यूटी में लगाया गया है। कुछ जरूरी पुलिस थानों में रिजर्व पुलिस भी एक्टिव मोड पर रहेगी। स्पेशल सीपी नार्थ और साउथ सुपरविजन करेंगे। दोनों रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त हालात पर नजर बनाए रखेंगे।

अक्टूबर में भी दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ था
इससे पहले अक्टूबर में किसानों ने दिल्ली में कर्जमाफी, गन्ना का बकाया समर्थन मूल्य और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट की सिफारिशों को तुरंत लागू करने की मांगों को लेकर धरना दिया था। इस दौरान पुलिस और किसानों में झड़पें भी हुई थीं। हालांकि, सरकार से बातचीत के बाद किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म कर दिया था।

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