देश के प्रधानमंत्री आज छिंदवाड़ा में बड़े ही कन्फ्यूज्ड रहे

भोपाल प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी आज छिंदवाड़ा में चुनावी सभा को संबोधित करने आये थे। इसके बाद उन्होंने इंदौर में भी चुनावी सभा को संबोधित किया। हमें उम्मीद थी कि छिंदवाड़ा आगमन पर वे छिंदवाड़ा के विकास माॅडल की तारीफ करेंगे। मुद्दों पर, विकास पर अपनी सरकार के कामकाज पर बात करेंगे। लेकिन प्रधानमंत्रीजी ने अपने पद की गरिमा के प्रतिकूल व्यक्तिगत् टिप्पणियों व झूठे आरोपों पर अपना भाषण केंद्रित रखा।
कमलनाथ ने कहा कि बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि मोदी आज छिंदवाड़ा में आकर बड़े ही कन्फ्यूज्ड हो गये। उन्होंने कहा कि जो शब्द मेरे द्वारा नहीं कहे गये उसे मेरे मुंह में परोसकर वे झूठ पर आधारित भाषण देते रहे साथ ही निम्न स्तरीय टिप्पणियां भी करते रहे। देश के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसे भाषण की उम्मीद नहीं थी। एक तरफ तो उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को छिंदवाड़ा जैसा कतई नहीं बनाना है, छिंदवाड़ा में कोई विकास नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर नाम ले-लेकर छिंदवाड़ा के विकास गिनाते रहे।
नाथ ने कहा कि उम्मीद थी कि वे प्रदेश के भ्रष्टाचार व किसानों की कर्जमाफी पर बोलेंगे। लेकिन वे दूसरे प्रदेश की कर्जमाफी की याद दिलाते रहे, लेकिन प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा कर्जमाफी पर की गयी वादाखिलाफी पर एक शब्द भी नहीं बोला। प्रदेश के घोटाले और भ्रष्टाचार पर भी वे एक शब्द नहीं बोले। महिलाओं की सुरक्षा, अवैध उत्खनन, रोजगार, कुपोषण पर भी एक शब्द नहीं बोले।
कमलनाथ ने कहा कि मोदी कांगे्रस को झूठ कहने वाली पार्टी बता रहे हैं, जबकि पूरा देश जानता है कि कौन लगातार झूठ पर झूठ बोलता है, किसने कहा था कि सबकी जेब में 15-15 लाख रूपये आ जायेंगे? नोटबंदी से काला धन वापस आ जायेगा। काला धन तो वापस नहीं आया लेकिन देश के करोड़ों लोगों को बैंक की लाईन में जरूर लगवा दिया। प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात किसने की थी? रोजगार तो मिला नहीं, अलबत्ता खराब अर्थव्यवस्था के कारण लोगों की नौकरी और चली गई। देश की प्रतिष्ठित संस्थाओं की स्वायत्ता में सेंघ लगा दी। यह सच्चाई है।
मोदी जी ने केरल का गोमाता का उदाहरण मध्यप्रदेश में दिया। शायद उन्हें पता नहीं कि उनकी प्रदेश सरकार में सबसे ज्यादा गोमाता दुर्दशा का शिकार होकर मौत के आगोश में समा रही है। बूचड़खानों को सर्वाधित लायसेंस किस राज्य में मिले, शायद उन्हें पता नहीं। जिस पार्टी के नेता किरण रिजूजू, गोवा, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश के सीएम बीफ की वकालत करते हों, बीफ निर्यातकों से चंदा लेेने का जिस पार्टी पर आरोप हो, वे किस मुंह से गोमाता की बात कर रहे हैं।

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