भा जा पा के समीकरण बिगड़ सकते हैं

राजू प्रजापति
भोपाल Govindpura मध्यप्रदेश में 28 तारीख को होने वाले मतदान में इस बार कई राजनीतिक पार्टियों के समीकरण बिगड़ सकते हैं जिनमें गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र भी चपेट में आ सकता है ।क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने भाई भतीजा बाद का उदाहरण पेश कर कई भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया है जिससे क्षेत्र के समीकरण बिगड़ सकते हैं असंतुष्टोओं की नाराजगी का शिकार गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र की भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती कृष्णा गौर को होना पड़ सकता है ।दूसरा कारण भा जा पा के कई पार्षदों की निष्क्रियता भी मतदाताओं मैं नाराजगी पैदा कर रही है ।दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने जब जब इसी क्षेत्र के प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। तब तब भाजपा के लिए कई मुश्किलें खड़ी हुई है इस बार भी गिरीश शर्मा जो कि यहीं का निवासी हैं इस कारण मुकाबला कांटे का हो सकता है ।और जितनी आसान यह जीत समझी जा रही थी ।उतनी अब नजर नहीं आ रही क्षेत्र में गरीब आदिवासी पिछड़ा वर्ग झुग्गी झोपड़ी क्षेत्र के साथ साथ कई कालोनियों बीएचईएल मैं कार्यरत कर्मचारियों का रुझान भी भाजपा के पक्ष में नजर नहीं आ रहा दूसरा व्यापारी वर्ग जीएसटी की मार से लड़खड़ा ता हुआ दिखाई पड़ रहा है ।इसका खामियाजा भी आने वाले चुनाव पर भारी असर डाल सकता है ।दूसरी ओर जो इस क्षेत्र में भा जा पा के वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ने के लिए अपनी सारी जिंदगी पार्टी के लिए लगा चुके उन्हें भी पार्टी खुश नहीं कर पाई असंतुष्टे की वजह से भारतीय जनता पार्टी की नाव एक बार फिर साहिल तक पहुंचने से पहले समुंदर में डगमगाती नजर आ रही है ।वहीं कांग्रेस ने इस बार केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के मुद्दे लेकर जनता के बीच पहुंच रही है ।जिससे मतदाताओं का रुझान कांग्रेस की ओर बढ़ता दिख रहा है। वहीं नये मतदाता भी जिनकी उम्र 18 से 20 इस बार हो गई है
। वह भी पहली बार मतदान करेंगे इसका असर भी देखने को मिल सकता है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही थी वह पूरी नहीं हो सकी उज्जवला योजना भी धुएं में दम तोड़ती नजर आ रही है क्योंकि उज्जवला योजना
का लाभ गरीब तबके को नहीं मिल सका बिना सब्सिडी के 6 सिलेंडर दिए जाते हैं जिनकी कीमत ₹990 ली जाती है । -मतलव साफ है।की हमारे ही रुपये से हमे सिलेंडर दिए जाते है। एक कारण

और भी हो सकता है भेल ठेका कर्मचारी का बोट र्भी खासा असर डाल सकता है ।क्योंकि मनोज यादव जादौन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में है ।जो भाजपा के ही वोट काटेंगे ठेका श्रमिकों की जो मांगे थी।वह भी पूर्ण नहीं हो सकी क्योंकि भेल ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक बाबूलाल गौर रहे हैं ।वह भी नाराज चल रहे हैं दूसरा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झुग्गी झोपड़ी वासियों को कोकता यातायात नगर विस्थापन किया जा रहा है ।उसका भी विरोध वह कई बार लिखित में दे चुके हैं ।उन्हें सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला है ।यह सारे समीकरण एकजुट होकर एक भूचाल ला सकते हैं ।परिणाम चौकानेवाले देखे जा सकते हैं क्योंकि स्थिति जो गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में पहले से अब बेहतर नहीं है ।पहले के चुनावों में एक तरफा मतदान होता था लेकिन 2018 के यह चुनाव एक अग्नि परीक्षा का रूप धारण कर चुके हैं जिसमें सफल वही होगा जो मतदाताओ की नबज पहचान सके।

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