सिगड़ी जलाकर सो गया परिवार, दम घुटने से 4 की मौत

भोपाल. मंडीदीप की हिमांशु कॉलोनी में मंगलवार रात एक मकान में 12 दिन की नवजात समेत चार लोगों के शव मिले हैं। फोन पर सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मकान का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी। करीब 110 वर्ग फीट के कमरे में दो पलंग पर तीन, जबकि जमीन पर एक शव पड़ा था। पास ही घर के मुखिया बेसुध बैठे थे, जिन्हें तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार

कमरे में ही एक सिगड़ी से धुआं निकल रहा था। मंडीदीप पुलिस को आशंका है कि नवजात को ठंड से बचाने के लिए परिवार कमरे में सिगड़ी जलाकर सो गया। कोयला जलने से बनी कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस कमरे में भर गई। इसी से सभी का दम घुट गया। हालांकि मौत की असल वजह जानने के लिए पुलिस को फिलहाल पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

बिस्तर पर पड़े शव, छन्नू बैठा मिला
एएसपी एपी सिंह ने बताया कि छन्नू की मेडिकल जांच में उसके शरीर में कोई पॉयजनिंग नहीं मिली है। बाकी शवों को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही मौत की असल वजह सामने आ सकेगी।

नाइट शिफ्ट थी, बेसुध पड़ा रहा
छन्नू वर्ष 2014 से यहां रह रहा था। अपने साथ काम करने वाले एक साथी की बहन से उसने लव मैरिज कर ली थी। वह मंडीदीप स्थित एक सोया ऑयल कंपनी में ऑपरेटर था। करीब 11 हजार रुपए मासिक तनख्वाह से घर का खर्च चल रहा था। उसकी एक रिश्तेदार ने बताया कि दोनों एक-दूसरे को बेहद चाहते थे, इसलिए कभी कोई विवाद नहीं होता था।

छन्नू के कराहने की आवाज पर पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया

मंगलवार को ये वाकया मूलत: दंतेवाड़ा, छग निवासी 21 वर्षीय छन्नूू भूरिया के परिवार के साथ हुआ। छन्नू यहां अपनी पत्नी पूर्णिमा के साथ रहते हैं। दोनों ने लव मैरिज की थी। पूर्णिमा ने 12 दिन पहले एक बेटी को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा की देखरेख के लिए पूर्णिमा की मां दीपलता अपने 11 वर्षीय बेटे आकाश के साथ डेढ़ महीने पहले ही आ गई थीं। वे गोंदिया की रहने वाली हैं। एसपी रायसेन मोनिका शुक्ला ने बताया कि मंगलवार रात करीब साढ़े सात बजे पड़ोसियों ने छन्नू के कराहने की आवाज सुनी। तब उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

एक्सपर्ट ने कहा, सिगड़ी से बनती है जहरीली गैस
कोयले से सिगड़ी जलने पर कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनती है। यह रंगहीन, गंधहीन और स्वाद हीन होती है। इससे धीरे-धीरे व्यक्ति बेसुध हो जाता है। ऐसे मौत भी हो सकती है। करीब 110 वर्गफीट के कमरे में जल रही सिगड़ी से कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनने से दो-तीन घंटे में मौत हो सकती है। हालांकि, रूम हीटर से ऐसी कोई गैस नहीं बनती है, इसलिए कोई आशंका नहीं होती है। – डीएस बड़कुल, रिटायर्ड डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिको लीगल

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