लोकसभा चुनाव में कर्जमाफी की नाराजी को भुनाएगी भाजपा

भोपाल । भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली पराजय का नुकसान उसे लोकसभा चुनाव में नहीं उठाना पड़ेगा। पार्टी उन राज्यों पर फोकस कर रही है, जहां कांग्रेस ने कर्जमाफी का एलान किया है। पार्टी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव तक किसानों को कर्जमाफी की हकीकत का पता चल जाएगा। ऐसे नाराज किसान फिर भाजपा के खेमे में वापस आ सकते हैं। भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर भी किसानों को आर्थिक सहायता देने का पैकेज ला रही है, ताकि कांग्रेस की कर्जमाफी का असर खत्म हो जाए।

किसानों को नकद लाभ नहीं मिलेगा
कांग्रेस ने जिस कर्जमाफी का वादा किया है, उसका फायदा किसानों को कम और बैंकों को ज्यादा मिलेगा। भाजपा यही प्रचारित करने की योजना बना रही है कि कांग्रेस की घोषणा से किसानों को कोई नकद फायदा नहीं हुआ है। वहीं इसका तोड़ निकालने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को सीधी राहत देने वाला एक पैकेज तैयार किया है। इसके तहत 4 हजार रुपए प्रति एकड़ आर्थिक सहायता किसानों के खाते में भेजे जाने का प्लान है। वहीं एक लाख रुपए तक के फसल लोन को ब्याज मुक्त बनाया जाने का भी विचार है। भाजपा नेताओं का दावा है कि इस योजना से किसानों को सीधे मदद मिलेगी। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को इसका फायदा मिलेगा।

सावधानी बरत रही कांग्रेस
कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस काफी सावधानी बरत रही है। पहले सिर्फ 31 मार्च 2018 तक के कर्ज को इस दायरे में रखे जाने की योजना थी, लेकिन कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों के विरोध को देखते हुए इसे 30 नवंबर या 12 दिसंबर किए जाने पर विचार किया जा रहा है। 12 दिसंबर को कांग्रेस की सरकार बनना तय हो गया था। इसके अलावा जिन किसानों ने समय पर कर्ज जमा कर दिया है, उन्हें पैसे वापस किए जाने के बारे में भी फैसला विचाराधीन है। पार्टी नेताओं का मानना है कि कोई भी पात्र किसान इस लाभ से वंचित न रहे, ये हमारी प्राथमिकता है।

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