अधीक्षिका लीला उइके के उपर लगाये गंभीर आरोप, प्रशासन ने अधीक्षिका को हटाया- बीमार छाञा का इलाज स्थानीय एडवोकेट ललित शर्मा के हस्तक्षेप के बाद करवाया गया।
नवलोक समाचार, होशंगाबाद/सोहागपुर.
होशंगाबाद जिले के सोहागपुर में आज दोपहर करीब 12 बजे अनुसूचित जाति प्री मेट्रिक छाञावास की बालिकाओ ने सामूहिक रूप से एकजुट होकर स्टेट हाईवे क्रमांक 22 पर चक्काजाम कर दिया। जिससे यातायात कुछ समय के लिये बाधित भी हुआ. पुलिस द्वारा समझाइस के बाद छाञाओं ने जाम को बंद किया, छाञाओ का कहना है उनकी छाञावास की अधीक्षिका उनके साथ अभद्र व्यवहार करती है। साथ ही हास्टल में मिलने वाला भोजन भी घटिया स्तर का दिया जाता है, जिसमें कई बार इल्ली भी निकल चुकी है, छाञाओं ने ये कदम उनके साथ रहने वाली छाञा के बीमार होने के बाद उसका ईलाज नही कराने से नाराज होकर उठाया था।

यहां अनुसूचित जाति प्री मेट्रिक छाञावास की लीला उइके के व्यवहार से हर कोई नाराज था। छाञावास की बालिकाये हो या बाहरी लोग सबसे श्रीमति उइके का व्यवहार ठीक नही रहा, जिसके चलते बुधवार की दोपहर बालिकाओ ने अपना व्यथा का बखान मीडिया के सामने कर दिया, छाञाओ का कहना है कि उनके साथ मेडम ने कभी भी ठीक बर्ताव नही किया, छाञावास में जरूरत की साम्रगी उपलब्ध नही रहती। बीमार होने पर इलाज नही करवाया जाता, इतना ही नही छाञओ का कहना है कि लीला उइके द्वारा रात में बालक छाञावास के अधीक्षक मनीष साहू को बुलाया जाता है। साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिये जाते है. छाञाओ के गंभीर आरोप से मामला संदेह पैदा कर रहा है,दरअसल बालिकाओ के छाञावास में किसी भी पुरूष का आना जाना प्रतिबंधित है। ऐसे में छाञावास की बालिकाओ द्वारा लगाये गये आरोप जांच का विषय बन गये है, वही मामले को तूल पकड़ता देख आदिम जाति विभाग के अधिकारियो ने स्थानीय स्तर पर तहसीलदार अश्विनी गोहिया, सीईओ बंदु सू्र्यवंशी, सहित जिले अधिकारियो से भी जांच करवाई गई है। जिसके बाद अधीक्षिका लीला उइके को हटा दिया गया है और पिपरिया की वंदना साहू को प्रभार दे दिया है।
वही आदिम जाति विभाग की अपर आयुक्त चंद्रकांता का कहना है कि हमारे द्वारा अधीक्षिका लीला उइके को पूर्व में हटा दिया गया है लेकिन उन्होने प्रभार नही सौपा था, प्राप्त जानकरी के अनुसार किसी ज्योति शर्मा को यहां पदस्थ किया गया था लेकिन उनके द्वारा ज्वाइन नही करने पर िफलहाल वंदना साहू को प्रभार दिया गया है।